रात गए लफ्जों1 की बरसात हुई
एक मुरस्सा2 नज्म हमारी जात हुई आंधी आई रस्ते में बरसात हुई
अपनी मंजिल जैसे अपने साथ हुई छत के ऊपर सावन में भी धूप रही
छत के नीचे आंखों से बरसात हुई
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