वैसे तो रोशनी के लिए क्या नहीं किया
लेकिन किसी चिराग़ पे क़ब्ज़ा नहीं किया
किस दिन हमें मिला न पयामे शगुफ़्त्गी
किस रोज़ ख़ुशबुओं ने इशारा नहीं किया
शाख़े गुलाब अपने लिए मसअला नहीं
ये और बात है के इशारा नहीं किया
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